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60 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला: शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर लगे गंभीर आरोप

On: August 14, 2025 2:22 PM
High-profile celebrity couple facing legal controversy

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बॉलीवुड और बिजनेस की दुनिया का जाना-माना नाम, शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा, एक बार फिर से कानूनी विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला लगभग 60 करोड़ रुपये के कथित वित्तीय घोटाले का है, जिसे लेकर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने केस दर्ज किया है। यह रकम इतनी बड़ी है कि इसने न सिर्फ मीडिया और आम जनता का ध्यान खींचा है, बल्कि व्यापार जगत और कानूनी विशेषज्ञों के बीच भी गंभीर चर्चा छेड़ दी है। इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ग्लैमर की चमक-दमक के पीछे सब कुछ वैसा ही है जैसा नजर आता है, या फिर इसकी आड़ में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियां, गलत निवेश निर्णय और भरोसे का दुरुपयोग छिपा होता है।

मामला कहां से शुरू हुआ

शिकायतकर्ता दीपक कोठारी, जो लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के डायरेक्टर हैं, का दावा है कि 2015 में राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी ने उनकी कंपनी से वित्तीय मदद मांगी थी। उनका कहना है कि यह रकम उनकी कंपनी ‘बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड’ के लिए ली जानी थी, जो उस समय ऑनलाइन शॉपिंग और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट के प्रचार में सक्रिय थी और बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए निवेश की तलाश में थी। कोठारी के अनुसार, उस समय कंपनी तेजी से अपने प्रोडक्ट रेंज और ग्राहक आधार को बढ़ाने की कोशिश कर रही थी, और बड़े निवेशकों को आकर्षित करना उसकी रणनीति का हिस्सा था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कपल ने निवेश के लिए उन्हें भरोसा दिलाने के लिए कंपनी की संभावनाओं और भविष्य की योजनाओं के बारे में काफी सकारात्मक तस्वीर पेश की थी।

लोन से निवेश में बदलने की कहानी

शुरुआत में कपल ने 75 करोड़ रुपये का लोन मांगा था, जिस पर सालाना 12% ब्याज देने का स्पष्ट वादा किया गया था। यह लोन कथित रूप से कंपनी के बिजनेस विस्तार और संचालन के लिए लिया जाना था। बाद में, कपल ने इस लोन को एक निवेश में बदलने का अनुरोध किया, ताकि इसे लंबे समय में चुकाया जा सके, और इसके बदले हर महीने मूलधन की एक तय राशि लौटाने का आश्वासन दिया। शिकायतकर्ता के मुताबिक, 2015 में दो किश्तों में लगभग 60 करोड़ रुपये सीधे कंपनी के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे। लेकिन समय बीतने, कई रिमाइंडर और भुगतान के लिए बार-बार आग्रह करने के बावजूद, यह रकम अब तक वापस नहीं की गई, जिससे विवाद और भी गहरा हो गया।

आरोप: निजी खर्चों के लिए धन का इस्तेमाल

शिकायतकर्ता का कहना है कि यह रकम कंपनी के विकास, विस्तार या संचालन में लगाने के बजाय निजी खर्चों और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने में इस्तेमाल की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह धन कंपनी के बिजनेस उद्देश्यों से भटक कर व्यक्तिगत जीवनशैली, लक्ज़री खरीदारी या अन्य गैर-व्यावसायिक गतिविधियों में लगाया गया, जो मूल समझौते का उल्लंघन है। शिकायतकर्ता के मुताबिक, उन्होंने कई बार औपचारिक नोटिस और व्यक्तिगत अनुरोध के जरिए रकम वापस मांगने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद कपल ने धन लौटाने की कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

कानूनी मोर्चा और पुराना विवाद

राज कुंद्रा पहले भी कई बार विवादों में सुर्खियों में रहे हैं। दिसंबर 2024 में, उन्हें अश्लील फिल्मों के कथित अवैध वितरण और मनी लॉन्ड्रिंग के एक गंभीर मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ के लिए तलब किया गया था। उस मामले में भी मीडिया और जनता के बीच काफी चर्चा हुई थी, जिससे उनकी छवि पर नकारात्मक असर पड़ा। मौजूदा मामला भले ही उससे अलग प्रकृति का हो, लेकिन यह फिर से उनके व्यावसायिक सौदों और वित्तीय लेन-देन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। इससे यह धारणा बनती है कि उनके बिजनेस नेटवर्क और निवेश संबंधी गतिविधियों में कई ऐसे पहलू हैं जिनकी गहन जांच आवश्यक है।

वकील का पक्ष

शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के वकील प्रशांत पाटिल का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से सिविल प्रकृति का है और इसे जानबूझकर गलत तरीके से आपराधिक रंग दिया जा रहा है। उनका तर्क है कि यह एक पुराना व्यावसायिक लेन-देन है, जिसमें कंपनी समय के साथ गंभीर वित्तीय संकट में आ गई थी, जिसके कारण भुगतान में देरी और विवाद उत्पन्न हुए। पाटिल के अनुसार, यह विवाद पहले ही एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) के समक्ष एक लंबी कानूनी लड़ाई का हिस्सा रह चुका है, जहां वित्तीय पुनर्गठन और समाधान के प्रयास किए गए, लेकिन कई जटिल कानूनी और आर्थिक कारणों से अब तक कोई अंतिम नतीजा नहीं निकल पाया है।

बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड क्या थी

बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म था, जो टीवी और ऑनलाइन दोनों माध्यमों के जरिए लाइफस्टाइल और घरेलू उपयोग की वस्तुएं बेचने का काम करता था। कंपनी का बिजनेस मॉडल टेलीविजन शॉपिंग चैनल और डिजिटल प्लेटफॉर्म को मिलाकर ग्राहकों तक सीधे पहुंचने पर आधारित था। इसमें कई बड़े और जाने-माने चेहरे निवेशक या ब्रांड एंबेसडर के रूप में जुड़े थे, जिससे इसे शुरुआती दौर में काफी लोकप्रियता मिली। कंपनी का उद्देश्य था कि लोगों को घर बैठे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराए जाएं, लेकिन समय के साथ बाजार में ई-कॉमर्स प्रतिस्पर्धा बढ़ने लगी और नए-नए डिस्काउंट व ऑफर्स देने वाले प्लेटफॉर्म सामने आने लगे। साथ ही, वित्तीय प्रबंधन में आई चुनौतियों और निवेश की कमी के कारण कंपनी को अपने संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। नतीजतन, कुछ ही वर्षों में कंपनी का कारोबार घटता गया और अंततः इसे बंद करना पड़ा।

ईडब्ल्यूओ (EOW) की भूमिका

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) का काम बड़े पैमाने पर वित्तीय अपराधों की जांच करना है और यह अपने गहन और विस्तृत जांच तरीकों के लिए जानी जाती है। इस मामले में भी EOW ने शिकायत मिलने के बाद सभी संबंधित दस्तावेज, बैंक रिकॉर्ड और वित्तीय लेन-देन की गहराई से पड़ताल शुरू की और फिर FIR दर्ज की। यह एजेंसी न केवल बैंकिंग धोखाधड़ी, निवेश घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में विशेषज्ञ मानी जाती है, बल्कि यह बड़े कॉर्पोरेट घोटालों, फर्जीवाड़े और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े वित्तीय अपराधों की जांच में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी जांच प्रक्रिया में गवाहों से बयान लेना, डिजिटल डेटा का विश्लेषण और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय भी शामिल होता है, जिससे अपराध के हर पहलू को सामने लाया जा सके।

वित्तीय विवादों में सेलिब्रिटी की छवि पर असर

जब किसी बड़े सितारे का नाम वित्तीय विवादों में आता है, तो यह उनकी छवि पर गहरा और दीर्घकालिक असर डालता है। ऐसे मामलों के चलते ब्रांड्स अक्सर अपने विज्ञापन अनुबंध रद्द कर देते हैं, फिल्म प्रोजेक्ट रोक दिए जाते हैं और नए अवसर भी हाथ से निकल जाते हैं। इसका असर न केवल प्रोफेशनल जीवन पर, बल्कि व्यक्तिगत सामाजिक छवि पर भी पड़ सकता है, जिससे उनके फैन्स और पब्लिक के बीच भरोसा कम हो सकता है। शिल्पा शेट्टी जैसी अभिनेत्री, जिनकी पहचान फिटनेस, लाइफस्टाइल और प्रेरणादायक पर्सनालिटी के रूप में बनी है, के लिए यह मामला निश्चित रूप से एक गंभीर और नकारात्मक छाया डाल सकता है, जो लंबे समय तक उनके करियर और पब्लिक रिलेशंस रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है।

निवेशकों के लिए सीख

इस तरह के मामले निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक हैं कि किसी भी बड़े नाम, लोकप्रिय चेहरे या चमकदार ब्रांड में निवेश करने से पहले पूरी तरह से वित्तीय, कानूनी और व्यावसायिक जांच करनी अनिवार्य है। सिर्फ नाम, शोहरत या मीडिया में छवि देखकर पैसा लगाना कई बार भारी नुकसान का कारण बन सकता है। निवेशकों को चाहिए कि वे कंपनी की वित्तीय रिपोर्ट, पूर्व रिकॉर्ड, बाजार में उसकी स्थिति और कानूनी विवादों का इतिहास अच्छी तरह से परखें। साथ ही, भरोसेमंद वित्तीय सलाहकार से राय लेना और जोखिम का आकलन करना भी बेहद जरूरी है ताकि भावनाओं में बहकर लिया गया निर्णय भविष्य में आर्थिक संकट का कारण न बने।

निष्कर्ष

यह मामला सिर्फ एक सेलिब्रिटी कपल का विवाद नहीं है, बल्कि यह इस बात का जीवंत उदाहरण भी है कि बड़े नाम और ग्लैमर की चमक-दमक के पीछे कितनी जटिल और पेचीदा वित्तीय कहानियां छिपी हो सकती हैं। यह घटना यह भी दिखाती है कि कैसे आर्थिक लेन-देन, जो बाहर से सरल लगते हैं, अंदर से कानूनी और वित्तीय पेचिदगियों में उलझ सकते हैं। ऐसे मामलों में लंबे समय तक कानूनी कार्यवाही चलना आम है, और इसका असर न केवल संबंधित व्यक्तियों की प्रतिष्ठा पर पड़ता है बल्कि निवेशकों और व्यापार जगत की विश्वसनीयता पर भी पड़ सकता है। फिलहाल, कानूनी प्रक्रिया जारी है और सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले समय में इस विवाद का अंजाम किस दिशा में जाता है।

Priyanka Singh

मैं प्रियंका सिंह, ‘संदेश दुनिया’ के साथ जुड़ी एक समर्पित लेखिका और न्यूज़ ऑथर हूँ। ताज़ा खबरों से लेकर गहराई वाली रिपोर्ट तक, मेरा उद्देश्य है आपको हर महत्वपूर्ण जानकारी सही, सरल और भरोसेमंद तरीके से पहुँचाना। ‘संदेश दुनिया’ के जरिए मैं हर ख़बर को ईमानदारी और ज़िम्मेदारी के साथ आपके सामने लाने की कोशिश करती हूँ।

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