अगर आप नया घर खरीदने का सपना देख रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने होम लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। इस बढ़ोतरी से घर खरीदना और मुश्किल हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका क्रेडिट स्कोर बहुत अच्छा नहीं है। ब्याज दरों में यह बदलाव न केवल नए उधारकर्ताओं को प्रभावित करेगा बल्कि आने वाले समय में रियल एस्टेट मार्केट पर भी इसका असर दिख सकता है।
SBI ने क्यों बढ़ाई ब्याज दरें?
भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की है। पहले SBI का होम लोन 7.5% से 8.45% तक मिलता था, लेकिन अब यह सीमा 7.5% से 8.70% तक पहुंच गई है। बैंक का कहना है कि यह फैसला मुख्य रूप से उन ग्राहकों के लिए है जिनका क्रेडिट स्कोर कम है। यानी यदि आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) मजबूत नहीं है, तो आपको लोन पर ज्यादा ब्याज देना होगा।
बैंक का तर्क है कि लो क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को लोन देना अपेक्षाकृत जोखिम भरा होता है। इसीलिए, ऐसे मामलों में ब्याज दर बढ़ाना बैंक की जोखिम प्रबंधन रणनीति का हिस्सा है।
किन लोगों पर पड़ेगा सीधा असर?
इस बढ़ोतरी का असर सबसे ज्यादा नए उधारकर्ताओं पर होगा।
- जिनका क्रेडिट स्कोर कम है, उन्हें ज्यादा ब्याज चुकाना होगा।
- जिन लोगों की फाइनेंशियल प्रोफाइल कमजोर है, उनके लिए होम लोन की EMI बढ़ जाएगी।
- जो ग्राहक पहली बार घर खरीदने के लिए लोन लेना चाह रहे हैं, उनकी मासिक किस्तें पहले से महंगी होंगी।
पुराने ग्राहकों पर इस बढ़ोतरी का असर नहीं होगा क्योंकि बैंक ने साफ किया है कि यह बदलाव केवल नए लोन पर लागू होगा। SBI का करीब ₹8 लाख करोड़ का पुराना होम लोन पोर्टफोलियो इससे अप्रभावित रहेगा।
यूनियन बैंक ने भी उठाया कदम
केवल SBI ही नहीं, बल्कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपने होम लोन की दरें बढ़ा दी हैं। जुलाई के अंत में यूनियन बैंक ने अपनी ब्याज दरें 7.35% से बढ़ाकर 7.45% कर दी थीं। इससे साफ है कि आने वाले समय में और भी बैंक इस रास्ते पर चल सकते हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक अक्सर एक-दूसरे की पॉलिसी को फॉलो करते हैं, इसलिए ग्राहकों को निकट भविष्य में और भी महंगे लोन का सामना करना पड़ सकता है।
निजी बैंकों का क्या हाल है?
जहां सरकारी बैंक ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं, वहीं प्राइवेट बैंक पहले से ही ऊंची ब्याज दरें वसूल रहे हैं। उदाहरण के लिए:
- HDFC बैंक – 7.90% से लोन ऑफर करता है।
- ICICI बैंक – 8% से लोन देता है।
- Axis बैंक – 8.35% की शुरुआती ब्याज दर पर होम लोन उपलब्ध कराता है।
इस तुलना से साफ है कि पब्लिक सेक्टर बैंक अब धीरे-धीरे प्राइवेट बैंकों की रेट्स के करीब पहुंच रहे हैं।
RBI की पॉलिसी और बैंकों का रुख
यहां एक दिलचस्प स्थिति देखने को मिल रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले सालों में कई बार रेपो रेट में कटौती की थी ताकि लोगों को सस्ते लोन मिल सकें और अर्थव्यवस्था को गति मिले। लेकिन अब जब RBI ने फिलहाल दरों में बदलाव नहीं किया, तभी कई बैंक ब्याज दरें बढ़ाने लगे हैं। इससे यह सवाल उठता है कि क्या बैंक अपने मुनाफे को प्राथमिकता दे रहे हैं या फिर यह कदम वाकई जोखिम प्रबंधन की मजबूरी है।
होम लोन महंगा होने से आम आदमी पर असर
ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। मान लीजिए आप 30 लाख रुपये का होम लोन लेते हैं और पहले आपको 7.5% ब्याज पर लोन मिल रहा था। ऐसे में आपकी EMI लगभग ₹20,935 बनती थी। लेकिन अब अगर वही लोन 8.5% ब्याज पर मिलता है, तो EMI करीब ₹23,165 हो जाएगी। यानी हर महीने लगभग ₹2,230 ज्यादा देने पड़ेंगे।
यह बढ़ोतरी छोटे और मिडिल क्लास परिवारों के लिए बड़ा बोझ साबित हो सकती है, क्योंकि EMI का सीधा असर उनके मासिक बजट पर पड़ता है।
रियल एस्टेट सेक्टर पर क्या पड़ेगा असर?
होम लोन की महंगाई का असर केवल ग्राहकों पर ही नहीं, बल्कि पूरे रियल एस्टेट सेक्टर पर भी पड़ सकता है।
- घर खरीदने की मांग घट सकती है।
- प्रॉपर्टी की बिक्री धीमी हो सकती है।
- बिल्डर्स और डेवलपर्स को खरीदार ढूंढने में मुश्किलें आ सकती हैं।
- मध्यमवर्गीय ग्राहक किराए पर रहना ज्यादा बेहतर समझ सकते हैं।
इस तरह से ब्याज दरों की बढ़ोतरी का असर लंबी अवधि में पूरे हाउसिंग मार्केट को प्रभावित कर सकता है।
ग्राहकों के लिए क्या विकल्प बचे हैं?
अगर आप होम लोन लेना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा:
- क्रेडिट स्कोर सुधारें – अगर आपका CIBIL स्कोर 750 से ऊपर है तो आपको सस्ता लोन मिलने की संभावना ज्यादा है।
- अलग-अलग बैंकों की दरें तुलना करें – सिर्फ एक बैंक पर निर्भर न रहें। अलग-अलग ऑफर्स देखें।
- फिक्स्ड बनाम फ्लोटिंग रेट्स पर विचार करें – मौजूदा समय में फ्लोटिंग रेट ज्यादा प्रचलित हैं, लेकिन फिक्स्ड रेट EMI में स्थिरता लाते हैं।
- EMI कैलकुलेशन करें – लोन लेने से पहले EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल जरूर करें ताकि आपको पता हो कि आपका मासिक बोझ कितना होगा।
विशेषज्ञों की राय
फाइनेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि बैंकों की यह नीति थोड़े समय के लिए ग्राहकों पर बोझ डालेगी। लेकिन अगर RBI भविष्य में दरों में कटौती करता है, तो यह बोझ कम भी हो सकता है। वहीं कुछ विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि बैंकों को अपने जोखिम को संतुलित करना जरूरी है, क्योंकि खराब क्रेडिट प्रोफाइल वाले ग्राहकों से डिफॉल्ट की संभावना ज्यादा होती है।
निष्कर्ष
भारतीय स्टेट बैंक द्वारा होम लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालेगी। जिन लोगों का क्रेडिट स्कोर कमजोर है, उन्हें अब ज्यादा ब्याज देना होगा। यूनियन बैंक ने भी दरें बढ़ा दी हैं और संभावना है कि अन्य सरकारी बैंक भी इस दिशा में कदम बढ़ाएं। इससे न केवल ग्राहकों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
अगर आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह समय सावधानी से कदम उठाने का है। अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाएं, EMI कैलकुलेशन करें और तभी लोन लें ताकि भविष्य में कोई बड़ी वित्तीय परेशानी न हो।