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पेंशन व्यवस्था में बड़ा बदलाव: यूपीएस से एनपीएस में स्विच करने का नया विकल्प

On: September 13, 2025 2:34 PM
Pension system switch from UPS to NPS

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन हमेशा से एक संवेदनशील और अहम मुद्दा रहा है। वर्षों से चली आ रही पारंपरिक यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और आधुनिक नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के बीच चुनाव करना कर्मचारियों के लिए आसान नहीं रहा। हाल ही में केंद्र सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए कर्मचारियों को UPS से NPS में स्विच करने का एक बार का मौका देने का ऐलान किया है। यह कदम न केवल पेंशन प्रणाली को और अधिक लचीला बनाएगा बल्कि कर्मचारियों को अपनी वित्तीय योजनाओं के अनुसार विकल्प चुनने की स्वतंत्रता भी देगा।

UPS और NPS में अंतर

UPS (Unified Pension Scheme) एक पुरानी व्यवस्था है, जिसमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन मिलती है। इसका लाभ यह है कि रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित आय सुनिश्चित होती है।

वहीं, NPS (National Pension System) एक मार्केट-लिंक्ड स्कीम है। इसमें सरकार और कर्मचारी दोनों का योगदान जुड़ता है और पेंशन की राशि निवेश के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। इस वजह से इसमें रिटर्न की संभावना ज्यादा है, लेकिन जोखिम भी जुड़ा रहता है।

सरकार का नया फैसला

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि UPS से NPS में केवल एक बार और एक ही दिशा में स्विच किया जा सकेगा। यानी यदि कर्मचारी UPS से NPS में बदलते हैं, तो वे दोबारा वापस UPS में नहीं जा पाएंगे।

  • रिटायरमेंट से एक साल पहले तक कर्मचारी NPS में स्विच कर सकते हैं।
  • यदि कोई कर्मचारी स्वेच्छा से रिटायरमेंट (VRS) ले रहा है तो उसे तीन महीने पहले तक इस विकल्प का चुनाव करना होगा।

स्विच करने के फायदे और असर

UPS से NPS में जाने पर कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन छोड़नी होगी। हालांकि, सरकार की ओर से कर्मचारियों के NPS खाते में अतिरिक्त 4% योगदान जोड़ा जाएगा। इससे निवेश की राशि बढ़ेगी और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पेंशन फंड भी बड़ा हो सकता है।

स्विच करने के बाद कर्मचारियों पर PFRDA (Exit & Withdrawal under NPS) Regulations 2015 के नियम लागू होंगे। यानी निकासी और पेंशन लेने के सारे नियम अब NPS के अनुसार होंगे।

कौन कर्मचारी स्विच नहीं कर पाएंगे?

सरकार ने साफ किया है कि सभी कर्मचारियों को यह विकल्प नहीं मिलेगा।

  • जिन कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है।
  • जो बर्खास्त किए जा चुके हैं।
  • जो समय सीमा के भीतर आवेदन नहीं करेंगे।

ऐसे कर्मचारी UPS में ही बने रहेंगे और उनके लिए NPS का रास्ता बंद हो जाएगा।

मंत्रालय का निर्देश

वित्त मंत्रालय ने सभी विभागों को आदेश दिया है कि वे अपने कर्मचारियों को इस फैसले की जानकारी दें। ताकि हर कर्मचारी अपने भविष्य और ज़रूरतों के हिसाब से सोच-समझकर सही निर्णय ले सके। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और कर्मचारियों को पेंशन विकल्प चुनने में मदद करने के लिए उठाया गया है।

सरकार ने यह कदम क्यों उठाया?

केंद्र सरकार का मानना है कि इस फैसले से पेंशन व्यवस्था ज्यादा लचीली और सरल हो जाएगी। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार:

  • UPS के तहत 7,253 दावे प्राप्त हुए।
  • इनमें से 4,978 दावों का निपटान कर भुगतान किया जा चुका है।
  • वर्तमान में करीब 25,756 सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी UPS के तहत अतिरिक्त लाभ पाने के पात्र हैं।

इस आंकड़े से यह साफ होता है कि सरकार पेंशन प्रणाली को ज्यादा पारदर्शी और समयानुकूल बनाने की कोशिश कर रही है।

NPS क्यों हो सकता है बेहतर विकल्प?

कई विशेषज्ञों का मानना है कि NPS मौजूदा दौर की ज़रूरतों के हिसाब से ज्यादा उपयोगी है। इसके कुछ फायदे:

  1. लचीलापन: निवेश का तरीका कर्मचारी तय कर सकता है।
  2. अतिरिक्त योगदान: सरकार की ओर से UPS से NPS में स्विच करने वालों को अतिरिक्त 4% का लाभ मिलेगा।
  3. टैक्स बेनिफिट: NPS पर टैक्स में छूट मिलती है, जो वित्तीय दृष्टि से बड़ा फायदा है।
  4. लंबी अवधि का निवेश: मार्केट-लिंक्ड होने से लंबे समय में ज्यादा रिटर्न की संभावना रहती है।

UPS छोड़ने के नुकसान

हालांकि NPS में स्विच करने के कई फायदे हैं, लेकिन UPS छोड़ने पर कुछ नुकसान भी होंगे:

  • कर्मचारियों को अब गारंटीड पेंशन नहीं मिलेगी।
  • मार्केट रिस्क होने के कारण रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि बदल सकती है।
  • रिटायरमेंट के बाद खर्च की स्थिरता प्रभावित हो सकती है।

कर्मचारी क्या सोच रहे हैं?

कई कर्मचारी अब भी UPS को ज्यादा सुरक्षित मानते हैं क्योंकि इसमें गारंटीड पेंशन मिलती है। लेकिन नई पीढ़ी के कर्मचारी, जो निवेश और मार्केट से जुड़े हैं, वे NPS को ज्यादा लाभकारी मानते हैं। इस फैसले ने सभी कर्मचारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उन्हें अपने भविष्य के लिए कौन-सा विकल्प चुनना चाहिए।

निष्कर्ष

केंद्र सरकार का UPS से NPS में स्विच करने का विकल्प देना एक ऐतिहासिक और दूरगामी फैसला है। इससे कर्मचारियों को अपने भविष्य की पेंशन योजना चुनने में ज्यादा स्वतंत्रता मिलेगी। हालांकि, इस निर्णय के साथ फायदे और नुकसान दोनों ही जुड़े हैं। ऐसे में कर्मचारियों के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी वित्तीय स्थिति, भविष्य की ज़रूरतों और सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही अंतिम निर्णय लें।

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Priyanka Singh

मैं प्रियंका सिंह, ‘संदेश दुनिया’ के साथ जुड़ी एक समर्पित लेखिका और न्यूज़ ऑथर हूँ। ताज़ा खबरों से लेकर गहराई वाली रिपोर्ट तक, मेरा उद्देश्य है आपको हर महत्वपूर्ण जानकारी सही, सरल और भरोसेमंद तरीके से पहुँचाना। ‘संदेश दुनिया’ के जरिए मैं हर ख़बर को ईमानदारी और ज़िम्मेदारी के साथ आपके सामने लाने की कोशिश करती हूँ।

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