आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। कई लोगों के मन में डर है कि आने वाले समय में AI इंसानों की नौकरियां छीन लेगा। लेकिन भारत की प्रमुख आईटी कंपनी HCLTech ने इस विषय पर एक अलग दृष्टिकोण सामने रखा है।
कंपनी का मानना है कि AI नौकरियां खत्म करने नहीं, बल्कि नई संभावनाएं पैदा करने और मौजूदा नौकरियों को और बेहतर बनाने का काम करेगा। यह सोच न केवल कर्मचारियों को भरोसा देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि तकनीक को किस तरह सकारात्मक रूप में अपनाया जा सकता है।
HCLTech का AI पर विज़न
HCLTech की चेयरपर्सन रोशनी नाडार मल्होत्रा ने स्पष्ट कहा है कि AI को “को-पायलट” के रूप में अपनाया जा रहा है। इसका सीधा मतलब यह है कि AI इंसानों की जगह लेने नहीं, बल्कि उनकी क्षमता को बढ़ाने आया है। कंपनी का फोकस अपने कर्मचारियों की री-स्किलिंग (Reskilling) और अप-स्किलिंग (Upskilling) पर है, ताकि वे भविष्य की नई तकनीकों के अनुरूप खुद को ढाल सकें और ज्यादा मूल्यवान काम कर सकें।
AI क्यों नहीं छीनेगा नौकरियां?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर अक्सर यह चिंता जताई जाती है कि यह इंसानों की जगह ले लेगा। लेकिन असलियत थोड़ी अलग है:
- AI दोहराए जाने वाले काम करेगा – AI का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बार-बार होने वाले और तकनीकी कार्यों को बहुत तेजी और सटीकता से कर सकता है। इससे इंसानों का समय बचेगा।
- मानव की क्रिएटिविटी और निर्णय क्षमता अनोखी है – कोई भी मशीन इंसानी दिमाग की रचनात्मक सोच और समस्या समाधान करने की क्षमता को रिप्लेस नहीं कर सकती।
- नई नौकरियों का निर्माण – AI की वजह से डाटा एनालिसिस, साइबर सिक्योरिटी, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और क्लाउड कम्प्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में नए जॉब्स पैदा होंगे।
- स्किल डेवलपमेंट पर जोर – कंपनियां अब कर्मचारियों को नई तकनीकें सिखाने पर ज्यादा निवेश कर रही हैं। इससे भविष्य की नौकरियों के लिए रास्ता खुलता है।
आईटी सेक्टर में मौजूदा हालात
हालांकि भारतीय आईटी सेक्टर फिलहाल स्लो हायरिंग के दौर से गुजर रहा है। कई बड़ी कंपनियों ने नए कर्मचारियों की भर्ती में कमी की है। लेकिन इसके बावजूद HCLTech ने जून तिमाही में करीब 2,000 से ज्यादा फ्रेशर्स को नौकरी दी है। कंपनी का कुल हेडकाउंट अभी भी 2.23 लाख से ज्यादा है।
यह आंकड़े दिखाते हैं कि भले ही सेक्टर में मंदी है, लेकिन HCLTech अपने कर्मचारियों और नए टैलेंट को मौका देने से पीछे नहीं हट रही।
अन्य आईटी कंपनियों की रणनीति
जहां HCLTech कर्मचारियों को सुरक्षित रखने और उन्हें नई तकनीकों के साथ तैयार करने पर जोर दे रही है, वहीं कुछ अन्य कंपनियां अलग राह पर हैं:
- TCS ने हाल ही में लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की।
- Infosys ने भी कई ट्रेनीज को बाहर कर दिया, जो आंतरिक परीक्षा पास नहीं कर पाए।
ये उदाहरण बताते हैं कि हर कंपनी का दृष्टिकोण अलग है। लेकिन HCLTech यह संदेश दे रही है कि भविष्य की चुनौतियों को नौकरी गंवाए बिना भी संभाला जा सकता है।
कर्मचारियों के लिए क्या मायने रखता है?
AI को अपनाने का फायदा सीधे कर्मचारियों को मिलेगा। कुछ अहम पहलू इस प्रकार हैं:
- कौशल विकास के नए अवसर: AI की वजह से कर्मचारियों को नई स्किल्स सीखने का मौका मिलेगा।
- उत्पादकता में बढ़ोतरी: दोहराए जाने वाले काम मशीन करेगी और कर्मचारी ज्यादा महत्वपूर्ण कामों पर फोकस कर पाएंगे।
- बेहतर करियर ग्रोथ: जो कर्मचारी नई तकनीकों को अपनाएंगे, उनके करियर में तेजी से ग्रोथ होगी।
- नौकरी का भरोसा: कंपनी का स्पष्ट संदेश कर्मचारियों में भरोसा जगाता है कि उनकी नौकरियां सुरक्षित हैं।
AI और भविष्य की संभावनाएं
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले वर्षों में लगभग हर उद्योग का हिस्सा बन जाएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, फाइनेंस और यहां तक कि मनोरंजन जगत में भी AI का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि:
- AI स्पेशलिस्ट्स की मांग तेजी से बढ़ेगी।
- डेटा एनालिस्ट, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स और मशीन लर्निंग इंजीनियर्स जैसी नौकरियां और भी ज्यादा महत्व प्राप्त करेंगी।
- रोजमर्रा की जिंदगी में भी AI आधारित एप्स और टूल्स का उपयोग आम हो जाएगा।
निष्कर्ष
HCLTech का बयान यह साबित करता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोई खतरा नहीं, बल्कि अवसर है। यह सही है कि कुछ नौकरियों का स्वरूप बदलेगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि रोजगार खत्म हो जाएंगे। बल्कि AI की वजह से नई इंडस्ट्रीज और नए रोल्स सामने आएंगे।
कंपनियों के लिए सबसे जरूरी है कि वे अपने कर्मचारियों को सही दिशा में प्रशिक्षित करें। और कर्मचारियों के लिए जरूरी है कि वे खुद को लगातार नई तकनीकों के हिसाब से अपडेट रखें। इस तरह AI और मानव दोनों मिलकर एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।