ऑटोमोबाइल क्रिकेट जॉब्स टेक्नोलॉजी दुनिया देश फाइनेंस बिजनेस मनोरंजन मौसम राशिफल लाइफस्टाइल शिक्षा

CBSE Board Exam 2026: नए नियम, बढ़ी फीस और अनिवार्य APAAR आईडी – छात्रों और अभिभावकों को क्या जानना चाहिए?

On: August 27, 2025 9:35 PM
Study desk with books, notebook, pencil, and laptop in use
WhatsApp & Telegram Join

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2026 की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़े बदलावों की घोषणा कर दी है। आने वाले समय में 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए परीक्षा प्रक्रिया पहले से अलग होगी। इस बार न सिर्फ़ परीक्षाओं की संरचना बदली जा रही है, बल्कि छात्रों को अधिक परीक्षा शुल्क देना होगा और साथ ही APAAR आईडी को भी अनिवार्य कर दिया गया है।

ये बदलाव सीधे तौर पर छात्रों, अभिभावकों और स्कूल प्रशासन को प्रभावित करने वाले हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि 2026 की CBSE बोर्ड परीक्षा कैसी होगी, छात्रों को किन नई चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए और इन नियमों का शिक्षा व्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा।

2026 में तीन बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन

CBSE ने स्पष्ट कर दिया है कि वर्ष 2026 में परीक्षा संरचना पहले जैसी नहीं होगी। इस बार 10वीं कक्षा के छात्रों को दो बार बोर्ड परीक्षा देनी होगी, जबकि 12वीं कक्षा के लिए एक ही परीक्षा होगी। यानी कुल मिलाकर तीन अलग-अलग बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होंगी।

  • 10वीं कक्षा की पहली परीक्षा: इसे अनिवार्य माना जाएगा और सभी छात्रों को इसमें शामिल होना होगा।
  • 10वीं कक्षा की दूसरी परीक्षा: यह परीक्षा वैकल्पिक होगी और इसकी सूची रिज़ल्ट जारी होने के बाद ही तैयार की जाएगी।
  • 12वीं कक्षा की मुख्य परीक्षा: पहले की तरह एक बार ही आयोजित होगी।

इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को सीखने और सुधारने के अधिक अवसर देना है। CBSE का मानना है कि एक से अधिक परीक्षा छात्रों का तनाव कम करेगी और उन्हें अपनी क्षमताओं को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का अवसर देगी।

LOC (लिस्ट ऑफ कैंडिडेट्स) की नई गाइडलाइंस

बोर्ड परीक्षा से पहले हर स्कूल को अपने छात्रों की लिस्ट ऑफ कैंडिडेट्स (LOC) अपलोड करनी होती है। CBSE ने इस प्रक्रिया को लेकर भी नए निर्देश जारी किए हैं।

  • केवल वही छात्र परीक्षा में शामिल हो सकेंगे, जिनके नाम LOC में सही तरीके से दर्ज किए गए होंगे।
  • स्कूलों को यह सूची पूरी तरह ऑनलाइन अपलोड करनी होगी।
  • यदि किसी छात्र का नाम LOC में नहीं है, तो उसे बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।

इस नियम के पीछे मकसद है पारदर्शिता बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना कि हर छात्र की जानकारी समय पर और सही ढंग से बोर्ड तक पहुँचे।

APAAR आईडी का महत्व और अनिवार्यता

वर्ष 2026 की बोर्ड परीक्षा में एक और बड़ा बदलाव है – APAAR आईडी (Automated Permanent Academic Account Registry) का अनिवार्य होना।

  • बिना APAAR आईडी के कोई भी छात्र LOC में पंजीकृत नहीं हो सकेगा।
  • यह आईडी छात्रों की शैक्षणिक पहचान के रूप में कार्य करेगी, जिसमें उनकी शिक्षा संबंधी सभी जानकारी दर्ज होगी।
  • इस आईडी से छात्रों के रिकॉर्ड को सुरक्षित और डिजिटल तरीके से संरक्षित किया जाएगा।

APAAR आईडी के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि हर छात्र का एक स्थायी शैक्षणिक खाता बने, जिससे भविष्य में उच्च शिक्षा और करियर से जुड़ी प्रक्रियाएँ आसान हों।

परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी

छात्रों और अभिभावकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक है परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी।

  • अब प्रत्येक विषय के लिए छात्रों को ₹320 का शुल्क देना होगा।
  • पहले यह शुल्क ₹300 प्रति विषय था।
  • पाँच विषयों के लिए कुल शुल्क ₹1650 होगा।

हालाँकि शुल्क में बढ़ोतरी बहुत अधिक नहीं है, लेकिन देशभर में लाखों छात्रों पर इसका असर पड़ेगा। यह बदलाव उन परिवारों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जिनकी आर्थिक स्थिति पहले से ही सीमित है।

फीस जमा करने की अंतिम तिथि

CBSE ने परीक्षा शुल्क जमा करने और LOC अपलोड करने के लिए निश्चित समय सीमा तय की है।

  • फीस जमा करने की प्रक्रिया 29 अगस्त से शुरू होगी
  • अंतिम तिथि 30 सितंबर रखी गई है।
  • इस अवधि में सभी छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरकर शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा।

यदि कोई छात्र या स्कूल समय पर यह प्रक्रिया पूरी नहीं करता, तो संबंधित छात्र को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।

बदलावों का असर छात्रों और स्कूलों पर

इन नए नियमों का प्रभाव सीधा छात्रों और स्कूल प्रशासन पर पड़ेगा।

  • छात्रों पर असर: दो बार परीक्षा देने का अवसर छात्रों के लिए लाभकारी भी हो सकता है, क्योंकि इससे उन्हें अपनी कमियों को सुधारने का मौका मिलेगा। लेकिन साथ ही, बार-बार परीक्षा की तैयारी का बोझ भी बढ़ेगा।
  • अभिभावकों पर असर: बढ़ी हुई फीस और बार-बार परीक्षा से जुड़ी तैयारी अभिभावकों पर आर्थिक और मानसिक दबाव डाल सकती है।
  • स्कूलों पर असर: LOC अपलोड करने, APAAR आईडी सुनिश्चित करने और अन्य औपचारिकताओं को समय पर पूरा करने की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन पर होगी।

शिक्षा व्यवस्था के लिए क्या संकेत है?

CBSE द्वारा किए गए ये बदलाव केवल छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हैं।

  • शिक्षा प्रणाली को धीरे-धीरे डिजिटल और आधुनिक बनाया जा रहा है।
  • APAAR आईडी जैसी पहल से छात्रों का डेटा सुरक्षित और केंद्रीकृत होगा।
  • अधिक अवसर और दो बार परीक्षा देने की सुविधा से छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

वर्ष 2026 की CBSE बोर्ड परीक्षा पहले की तुलना में बिल्कुल अलग होने वाली है। LOC की नई गाइडलाइंस, APAAR आईडी की अनिवार्यता और परीक्षा शुल्क में वृद्धि – ये सब ऐसे बदलाव हैं जिनके बारे में छात्रों और अभिभावकों को पहले से तैयारी करनी होगी। यह स्पष्ट है कि शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में CBSE लगातार कदम उठा रहा है। आने वाले वर्षों में ये बदलाव छात्रों के लिए नए अवसर भी लाएँगे और साथ ही नई चुनौतियाँ भी।

Prince Kumar

नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम प्रिंस कुमार है और मैंने यह न्यूज़ वेबसाइट Sandesh Duniya शुरू की है। इस वेबसाइट का उद्देश्य है आपको देश-दुनिया से जुड़ी ताज़ा खबरें, मनोरंजन, शिक्षा, रोजगार, तकनीक और जनहित की महत्वपूर्ण जानकारी सरल और भरोसेमंद भाषा में उपलब्ध कराना। Sandesh Duniya पर हम पूरी कोशिश करते हैं कि हर खबर सच्ची, सटीक और समय पर आप तक पहुँचे। आपका साथ और विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment