मानसून भारत के लिए सिर्फ़ एक मौसम नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। खेती-किसानी से लेकर रोज़मर्रा की ज़िंदगी तक, बारिश का असर हर जगह साफ़ दिखता है। इस समय देश के कई हिस्सों में मानसून अपने चरम पर है। कहीं यह राहत लेकर आया है तो कहीं आफ़त बनकर बरस रहा है।
पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे इलाक़ों में नदियाँ उफान पर हैं, वहीं दिल्ली-एनसीआर में लगातार हो रही बरसात से लोगों को उमस से राहत तो मिली है लेकिन जलभराव की दिक्कतें भी सामने आई हैं। आइए विस्तार से जानते हैं देश के विभिन्न हिस्सों में इस समय मौसम का मिजाज कैसा है।
उत्तर भारत में मानसून का कहर
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में मानसून अक्सर चुनौतीपूर्ण हालात पैदा करता है। इस साल भी जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भूस्खलन (लैंडस्लाइड) की घटनाओं में इजाफ़ा हुआ है, जिससे कई रास्ते बंद हो गए हैं। पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को प्रशासन की ओर से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
पंजाब और हरियाणा
पंजाब में लगातार बारिश के चलते नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है। सतलुज, ब्यास और रावी जैसी नदियाँ खतरे के निशान के पास बह रही हैं। कपूरथला समेत कई ज़िलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। वहीं हरियाणा में भी अगले कुछ दिनों तक अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
दिल्ली-एनसीआर
देश की राजधानी दिल्ली में मानसून ने इस बार जमकर दस्तक दी है। लगातार हो रही बारिश से तापमान में गिरावट आई है और लोगों को गर्मी से राहत मिली है। लेकिन, कई इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी परेशानियाँ भी सामने आ रही हैं। मौसम विभाग का कहना है कि यह सिलसिला अगस्त के आख़िरी दिनों तक जारी रह सकता है।
उत्तर प्रदेश और बिहार में बदलता मौसम
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों तक बारिश थमी हुई थी, जिससे उमस और गर्मी ने लोगों को परेशान किया। हालांकि, मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि एक सितंबर से यहाँ फिर से मौसम बदलेगा और तेज़ बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है। पश्चिमी और पूर्वी यूपी में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना भी बनी हुई है।
बिहार
बिहार में 30 अगस्त से 1 सितंबर तक अच्छी बारिश होने के आसार हैं। लगातार हो रही बरसात से कई जिलों में बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है। खेतों में धान और मक्का की फसल के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यह आफ़त बन सकती है।
पूर्वी और मध्य भारत में बारिश का असर
झारखंड और छत्तीसगढ़
झारखंड में 29 और 30 अगस्त को तेज़ बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं छत्तीसगढ़ में भी कई इलाकों में भारी बरसात से सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है। यहाँ खेतों में बोई गई धान की फसल के लिए यह बरसात वरदान साबित हो सकती है।
ओडिशा और राजस्थान
ओडिशा में भी अगले कुछ दिनों तक मूसलाधार बारिश होने के संकेत हैं। वहीं, राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में अच्छी बरसात हो सकती है। पश्चिमी राजस्थान में भी 29 से 31 अगस्त तक बादलों की मेहरबानी बनी रह सकती है।
दक्षिण भारत में मानसून की सक्रियता
आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक
दक्षिण भारत में भी बारिश का दौर जारी है। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की संभावना है। इन इलाकों में तेज़ हवाओं के साथ होने वाली बरसात से जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
केरल
केरल में भी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। राज्य के तटीय हिस्सों में लगातार बरसात हो रही है जिससे कुछ जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
पूर्वोत्तर भारत में झमाझम बरसात
पूर्वोत्तर के राज्यों में मानसून का असर हमेशा से ज़्यादा देखने को मिलता है। इस बार भी असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में अगले सात दिनों तक लगातार बारिश की संभावना है। वहीं अरुणाचल प्रदेश में भी 30 अगस्त तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इन राज्यों में पहले से ही नदियाँ उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
मानसून और आम आदमी की ज़िंदगी
बारिश जहाँ एक तरफ़ किसानों के लिए वरदान साबित होती है, वहीं शहरों में रहने वाले लोगों के लिए मुसीबतें भी लेकर आती है। दिल्ली, मुंबई, पटना और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में बरसात के दिनों में जलभराव और ट्रैफिक जाम आम समस्या है। वहीं, पहाड़ी राज्यों में रहने वाले लोग भूस्खलन और बाढ़ के ख़तरे से जूझते हैं।
निष्कर्ष
मानसून भारत के जीवन का अहम हिस्सा है। यह देश की कृषि, जलस्रोत और पर्यावरण के लिए बेहद ज़रूरी है। लेकिन, इसके साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी हमेशा बना रहता है। इस समय पूरे देश में बारिश का असर अलग-अलग रूपों में देखने को मिल रहा है।
कहीं यह किसानों के लिए राहत है, तो कहीं यह आम लोगों के लिए परेशानी। मौसम विभाग के अलर्ट को ध्यान में रखते हुए हमें सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इस बरसात के मौसम को सुरक्षित और लाभकारी बनाया जा सके।