भारत में उच्च शिक्षा और प्रबंधन संस्थानों का महत्व लगातार बढ़ रहा है। इसी कड़ी में हाल ही में केंद्र सरकार ने गुवाहाटी में नए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) की स्थापना का रास्ता साफ कर दिया है। लोकसभा में पारित विधेयक के बाद अब यह तय हो गया है कि असम की राजधानी गुवाहाटी में एक और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान खुलेगा। इसके लिए 550 करोड़ रुपये का फंड निर्धारित किया गया है। यह न सिर्फ असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊँचाइयाँ देगा।
IIM गुवाहाटी क्यों खास है?
गुवाहाटी में खुलने वाला यह नया IIM कई मायनों में खास होगा। पहला, यह पूर्वोत्तर क्षेत्र का दूसरा IIM होगा। इससे पहले शिलांग में IIM संचालित हो रहा है। दूसरा, गुवाहाटी का भौगोलिक और आर्थिक महत्व इसे शिक्षा और उद्योग का हब बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। यहाँ खुलने वाला IIM युवाओं के लिए प्रबंधन शिक्षा और रोजगार के अवसरों के नए दरवाज़े खोलेगा। इसके अतिरिक्त, गुवाहाटी की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी और विकसित हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण यह संस्थान राष्ट्रीय और वैश्विक कंपनियों को भी आकर्षित करेगा। इस क्षेत्र में आने वाले समय में रिसर्च सेंटर, इंडस्ट्री पार्टनरशिप और स्टार्टअप इनक्यूबेशन हब जैसी पहलें भी देखने को मिल सकती हैं। इससे स्थानीय छात्रों को ही नहीं बल्कि देशभर और विदेश से आने वाले छात्रों को भी लाभ होगा।
शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि इस नए IIM के लिए केंद्र सरकार ने 550 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके अलावा, असम सरकार भी जमीन और बुनियादी ढांचे जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के IIMs आज वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं और इनकी प्रतिष्ठा इतनी बढ़ चुकी है कि कई देश चाहते हैं कि वहाँ भी IIM का कैंपस खोला जाए।
पूर्वोत्तर में दूसरा IIM क्यों?
कई लोग यह सवाल उठा सकते हैं कि जब शिलांग में पहले से ही IIM मौजूद है तो गुवाहाटी में इसकी जरूरत क्यों पड़ी? इसका जवाब सरकार ने स्पष्ट किया है। दरअसल, असम के विकास को लेकर भारत सरकार, असम सरकार और स्थानीय संगठनों के बीच हुए समझौते में यह तय किया गया था कि यहाँ राष्ट्रीय महत्व का एक नया संस्थान स्थापित होगा। इसी के तहत गुवाहाटी में IIM की स्थापना का फैसला लिया गया।
IIM का वैश्विक विस्तार
भारत के IIM अब केवल देश की सीमाओं तक सीमित नहीं हैं। शिक्षा मंत्री ने यह जानकारी दी कि अगले महीने दुबई में IIM अहमदाबाद का नया कैंपस खुलने वाला है। इससे यह साफ है कि भारत के मैनेजमेंट संस्थान अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जगह बना रहे हैं। आने वाले समय में IIM गुवाहाटी भी इस ब्रांड को और मज़बूत कर सकता है।
असम और पूर्वोत्तर के लिए लाभ
गुवाहाटी में IIM खुलने से असम और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को कई तरह के फायदे होंगे:
- शिक्षा का स्तर बढ़ेगा – स्थानीय छात्रों को दूर-दराज़ जाकर मैनेजमेंट पढ़ाई करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- रोजगार के अवसर बढ़ेंगे – IIM जैसे संस्थानों के आसपास स्टार्टअप्स और इंडस्ट्रीज़ का विकास होता है।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी – गुवाहाटी शिक्षा और शोध का केंद्र बनने के साथ-साथ रोजगार और कारोबार का नया हब भी बनेगा।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान – IIM गुवाहाटी न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी पूर्वोत्तर की पहचान को मज़बूत करेगा।
IIM की बढ़ती प्रतिष्ठा
आज के समय में IIM भारत के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में गिने जाते हैं। हर साल लाखों छात्र इन संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए कठिन परीक्षाओं से गुजरते हैं। गुवाहाटी में नया IIM खुलने से छात्रों के लिए प्रतिस्पर्धा और अवसर दोनों बढ़ेंगे। अब पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं को देश के अन्य हिस्सों में जाकर संघर्ष करने की आवश्यकता कम होगी, क्योंकि उन्हें अपने ही राज्य में उच्च स्तरीय प्रबंधन शिक्षा मिलेगी। साथ ही, इस संस्थान के खुलने से न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी छात्रों को करियर के नए रास्ते मिलेंगे। यह कदम यह भी दर्शाता है कि भारत सरकार उच्च शिक्षा को लेकर कितनी गंभीर है और वह इसे हर क्षेत्र तक पहुँचाने की कोशिश कर रही है।
छात्रों और युवाओं के लिए अवसर
IIM गुवाहाटी की स्थापना से युवाओं को निम्नलिखित अवसर मिलेंगे:
- उच्च स्तरीय प्रबंधन शिक्षा
- रिसर्च और इनोवेशन का मौका
- देश-विदेश की कंपनियों में प्लेसमेंट
- स्टार्टअप्स और उद्यमिता को बढ़ावा
भविष्य की संभावनाएँ
गुवाहाटी में IIM की शुरुआत सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास की भी नई कहानी लिखेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह संस्थान पूर्वोत्तर को शिक्षा, उद्योग और व्यापार का केंद्र बना सकता है। साथ ही, यहाँ से निकलने वाले प्रबंधन विशेषज्ञ स्थानीय उद्योगों और स्टार्टअप्स को नई दिशा देंगे। यह संस्थान रिसर्च और इनोवेशन का भी हब बनेगा, जिससे न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी नई नीतियाँ और बिज़नेस मॉडल विकसित होंगे। इसके अतिरिक्त, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विदेशी छात्रों के आकर्षण की संभावना भी बढ़ेगी, जिससे गुवाहाटी का नाम वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर और अधिक मजबूत होगा।
निष्कर्ष
गुवाहाटी में IIM की स्थापना न सिर्फ असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए ऐतिहासिक कदम है। 550 करोड़ रुपये के फंड से बनने वाला यह संस्थान आने वाले समय में शिक्षा और विकास का नया प्रतीक बनेगा। इससे यह संदेश भी जाता है कि भारत सरकार देश के हर हिस्से में समान रूप से विकास और शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिए गंभीर है।