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यमुना का जलस्तर खतरे से ऊपर! क्या दिल्ली अगले 48 घंटों में बाढ़ का सामना करेगी?

On: August 28, 2025 4:10 PM
Flooded river overflowing into city areas with submerged trees and bridge
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दिल्ली और उसके आसपास रहने वाले लोगों के लिए मानसून का मौसम हमेशा चुनौती लेकर आता है। हर साल की तरह इस बार भी यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे के निशान को पार कर गया है। मौसम विभाग और प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले 48 घंटे दिल्ली के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं। राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है और सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है।

यमुना का जलस्तर क्यों बढ़ रहा है?

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण पहाड़ी राज्यों जैसे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हो रही लगातार बारिश है। इन राज्यों में जब तेज बारिश होती है तो बांधों और बैराजों से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाता है। दिल्ली तक पहुंचते-पहुंचते यह पानी नदी के स्तर को बढ़ा देता है। हथिनीकुंड, वजीराबाद और ओखला बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से हालात और गंभीर हो रहे हैं।

प्रशासन की तैयारियां और अलर्ट

दिल्ली सरकार और प्रशासन ने यमुना किनारे बसे सभी इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की टीमें तैनात कर दी गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। कश्मीरी गेट, गीता कॉलोनी, गांधीनगर और सोनिया विहार जैसे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने घर खाली करने का आदेश दिया गया है।

सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र

यमुना का बढ़ता जलस्तर राजधानी के कई हिस्सों को प्रभावित कर रहा है। इनमें खासतौर पर वे इलाके शामिल हैं जो नदी के किनारे या निचले हिस्सों में बसे हैं। इन क्षेत्रों में पानी भरने का खतरा ज्यादा है। प्रभावित इलाकों में:

  • कश्मीरी गेट
  • गीता कॉलोनी
  • यमुना पुस्ता
  • गांधीनगर
  • सोनिया विहार

इन जगहों पर रहने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने राहत शिविर और अस्थायी आश्रय स्थल बनाए हैं ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में लोग वहां शरण ले सकें।

अगले 48 घंटे क्यों अहम हैं?

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 48 घंटे दिल्ली के लिए सबसे ज्यादा नाजुक समय होगा। अगर पहाड़ी इलाकों में बारिश जारी रही तो नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है। अगर यमुना का स्तर 206 मीटर तक पहुंच गया तो बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ेगा। इसके अलावा संभावना जताई जा रही है कि हालात बिगड़ने पर यमुना के ऊपर बने पुल यातायात के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

दिल्लीवासियों के लिए प्रशासन की अपील

प्रशासन ने दिल्लीवासियों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी हाल में यमुना नदी या उसके किनारे जाने से बचें। लोगों को सलाह दी गई है कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों की ओर ही रुख करें। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन नंबरों को भी सक्रिय कर दिया गया है ताकि किसी भी परेशानी में तुरंत मदद मिल सके।

यमुना की स्थिति का लाइव अपडेट

बुधवार सुबह से लगातार यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। सुबह 7 बजे यह 205.46 मीटर दर्ज किया गया था, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ज्यादा है। इसके बाद 8 और 9 बजे तक भी जलस्तर लगभग इसी के आसपास बना रहा, जिससे साफ है कि पानी का स्तर घटने के बजाय स्थिर बना हुआ है।

भले ही अगले कुछ घंटों में इसमें मामूली कमी दर्ज की गई हो, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और यदि पहाड़ों में बारिश का दौर जारी रहा तो नदी का स्तर फिर से तेजी से ऊपर जा सकता है। यही कारण है कि प्रशासन इसे लेकर बेहद सतर्क है और हर पल अपडेट ले रहा है।

बाढ़ से बचाव और सावधानियां

बाढ़ की आशंका को देखते हुए लोगों को कुछ अहम सावधानियां बरतने की जरूरत है। केवल प्रशासन की चेतावनियों का पालन करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि घर-परिवार और आसपास की सुरक्षा के लिए पहले से तैयारी करना भी बेहद जरूरी है। जैसे कि खाने-पीने का सामान, पीने का साफ पानी, बैटरी से चलने वाले लैंप या टॉर्च और आवश्यक दवाइयों का इंतजाम पहले से कर लेना चाहिए।

साथ ही, यदि कोई पालतू जानवर है तो उसकी सुरक्षा की योजना भी बनाई जानी चाहिए। आपदा की स्थिति में शांति बनाए रखना और तुरंत मदद के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क करना सबसे अहम है:

  • नदी किनारे बिल्कुल न जाएं।
  • बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थानों पर रखें।
  • जरूरी दस्तावेज और सामान को सुरक्षित जगह पर रख लें।
  • सरकारी हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क बनाए रखें।
  • अफवाह फैलाने से बचें और केवल प्रशासन की आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें।

निष्कर्ष

दिल्ली में यमुना नदी का खतरे के निशान से ऊपर जाना कोई नई बात नहीं है, लेकिन हर बार यह राजधानी के लिए बड़ी चुनौती लेकर आता है। इस बार भी हालात गंभीर बने हुए हैं और आने वाले 48 घंटे बेहद अहम साबित हो सकते हैं। ऐसे में दिल्लीवासियों को सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है और हर संभव मदद के लिए तैयार है।

Prince Kumar

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